कुछ बेखबर सा , कुछ बेअसर सा
बेपरवाह कहीं .. तो बेपन्हा सा
दुनिया से जुदा .. सबका इंतज़ार है
मानो या ना मानो .. गिरते पड़ते,छुपते छुपाते
होजाता सबको प्यार है।
कहीं वफ़ा से , तो कहीं बेफाई मै
कभी किसी के साथ से .. तो कभी तन्हाई मै
रस्मो रिवाजो से परे , कर देता इज़हार है
डूबते तैरते ... सँभालते सँभालते भी
होजाता सबको प्यार है।
सजा है कभी .. तो कहीं ज़िन्दगी है
दर्द है कभी .. तो कहीं बंदगी है
उन्ह्से पूछो जिनके ... दिल का ऐतबार है
टूटते बिखरते , रोते गाते ..युही बस
होजाता सबको प्यार है।
copyright, All Rights Reserved 2013, Richa Gupta
बेपरवाह कहीं .. तो बेपन्हा सा
दुनिया से जुदा .. सबका इंतज़ार है
मानो या ना मानो .. गिरते पड़ते,छुपते छुपाते
होजाता सबको प्यार है।
कहीं वफ़ा से , तो कहीं बेफाई मै
कभी किसी के साथ से .. तो कभी तन्हाई मै
रस्मो रिवाजो से परे , कर देता इज़हार है
डूबते तैरते ... सँभालते सँभालते भी
होजाता सबको प्यार है।
सजा है कभी .. तो कहीं ज़िन्दगी है
दर्द है कभी .. तो कहीं बंदगी है
उन्ह्से पूछो जिनके ... दिल का ऐतबार है
टूटते बिखरते , रोते गाते ..युही बस
होजाता सबको प्यार है।
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